राज्यस्तरीय श्री सीताराम भजन महोत्सव-2020 को लेकर छत्तीसगढ़ के कलाकारों में अद्भुत उत्साह ज्ञात हो की छत्तीसगढ़ मानस संगठन द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय श्री सीताराम कथा प्रवचन महोत्सव-2020 की अपार सफलता और लोकप्रियता को देखते हुये छत्तीसगढ़ मानस संगठन के प्रांताध्यक्ष चंपेश्वर सिंह राजपूत ने अक्टूबर माह के प्रथम दो सप्ताह में राज्य के भजन गायकों को आमंत्रित किया है।इस कार्यक्रम में 28 जिलों की सहभागिता रही है परंतु सबसे ज्यादा बालोद,रायगढ़, बलौदाबाजार,महासमुन्द, बेमेतरा,दुर्ग,रायपुर,धमतरी, राजनादगांव,जांजगीर -चाँपा,गरियाबंद,कांकेर,जशपुर,
कबीरधाम के प्रतिभागी सक्रिय रहें। इस महोत्सव के 9 चयनित मण्डलियों को विशेष रूप से राज्यस्तरीय आयोजन में अलंकृत किया जाएगा।अब तक प्रथम अंक में ही 90 मण्डलियों ने भाग लिया है।बालोद और रायगढ़ से 15 मण्डलियों ने भाग लिया है जबकि बलौदाबाजार और महासमुंद से भी दर्जन भर मण्डलियों ने अपना वीडियो बनाकर जमा किया है।सभी 5 संभाग के विद्वान आकलनकर्तागण दिनांक 16 अक्टूबर तक आकलन करेंगे।17 अक्टूबर को उन आकलनकर्ता दल से कोई एक आकर ऑनलाइन आकलन -पत्र का वाचन करेंगे।
इसके साथ ही साथ राज्यस्तरीय श्री सीताराम कथा उद्घोषणा महोत्सव- 2020के माध्यम से छत्तीसगढ़ के मंच संचालकों को भी बड़ा अवसर प्रदान किया जा रहा है।कोरोना रूपी वैश्विक महामारी के बीच भी छत्तीसगढ़ मानस संगठन ने प्रतिपल मानस से जुड़े लोगों की बेहतरी के लिये कार्य किया है।
सप्तरंगी योजना के अंतर्गत पौधारोपण,स्वच्छता,रक्तदान,नेत्रदान,नशा मुक्ति,घरेलू हिंसा रोकथाम, नारी सशक्तिकरण आदि विषयों पर अभियान चलाया है।छत्तीसगढ़ की 2500 से अधिक मानस मण्डलियों ने इस सबमे बढ़चढ़कर भाग लिया है।
संजीवनी बूटी योजना के अंतर्गत असहाय एवम गम्भीर बीमारी आदि से ग्रसित मानस के साथियों की मदद की जाती है।संगठन से जुड़े सभी व्यक्ति यथा -संभव सहयोग करते हैं। इस तरह अब तक 9 लोगों की मदद की गई है।
संगठन का पारदर्शी होना,संगठन में सबकी बातों को महत्व देना और संगठन में नीति नियमों और आदर्श को कहकर नहीं करके दिखाने की भावना ने लोगों के दिल को जीत लिया है।यही कारण है कि बहुत से पुराने संगठनों के होने के बाद भी सभी लोग इस संगठन से जुड़कर गौरव का अनुभव कर रहे हैं।इस संगठन में रोज 50 मंडलियां जुड़ रही हैं।
इस संगठन के संस्थापक जाने-माने साहित्यकार ,फिल्मकार उद्घोषक चंपेश्वर सिंह राजपूत हैं।बहुत सारे रुकावट,बहुत सारे विघ्न,और तरह-तरह की धमकियों के बीच वे
मानस से मानस सेवा के सूत्र वाक्य को लेकर वो इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।
