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हमारे देश भारत की संस्कृति एवं सभ्यता वनों में ही पल्लवित तथा विकसित हुई है यह एक तरह से मानव का जीवन सहचर है वृक्षारोपण से प्रकृति का संतुलन बना रहता है वृक्ष अगर ना हो तो सरोवर (नदियां ) में ना ही जल से भरी रहेंगी और ना ही सरिता ही कल कल ध्वनि से प्रभावित होंगी वृक्षों की जड़ों से वर्षा ऋतु का जल धरती के अंक में पोहचता है, यही जल स्त्रोतों में गमन करके हमें अपर जल राशि प्रदान करता है वृक्षारोपण मानव समाज का सांस्कृतिक दायित्व भी है, क्योंकि वृक्षारोपण हमारे जीवन को सुखी संतुलित बनाए रखता है। वृक्षारोपण हमारे जीवन में राहत और सुखचैन प्रदान करता है।
वृक्षारोपण का कार्य सिर्फ शासन और प्रशासन की जिम्मेदारी नही अपितु पूरे समाज और संगठन की भी है जो पर्यावरण को संरक्षित रखने में अपना योगदान दे, इस बीच एक परिवार एक पेड़ का संकल्प ले कर हर परिवार एक पेड़ जरूर लगाये।
बालोद जिले के अन्तर्गत गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम डुड़िया की बेटियां ने पर्यावरण संरक्षण का अनोखा संदेश देते हुए। बेटियां ने कु. निकिता देशलहरे के जन्मदिन के अवसर पर उपहार में पौधे भेंट कर पर्यावरण बचाने व संरक्षण का संदेश दे रही है।
वृक्ष प्रेमी यशवंत कुमार टंडन ने कहा कि जन्मदिन पर केक काटकर, मोमबत्ती बुझाकर होटल ,ढाबा में पार्टी मानकर बेफिजूल खर्च कर कृतिक्ष व क्षणिक रुप से जन्मदिन मनाकर अपना पैसा खर्च करते हैं और खुशी व्यक्त करते हैं। जबकि भारतीय संस्कृति सभ्यता में ऐसी परम्परा नहीं है ये सब मूर्ख लोगों व कमजोर व छोटी सोच वाली लोगों का कार्य है। बल्कि अपने जन्मदिन को रचनात्मक एवं सकारात्मक रूप से मनाते हुए पौधारोपण जैसे नेक व पुण्य कार्य कर मनाना चाहिए।
कु.निकिता देशलहरे ने कहा कि प्रतिदिन लाखों करोड़ों लोगों का जन्मदिन रहता है। अगर हर व्यक्ति अपने जन्मदिन पर एक पौधा लगाएं और उसका संरक्षण करें तो हमारा देश हरा-भरा और खुशहाल, समृद्ध हो जाएगा। कहते हैं जहां हरियाली है वहां खुशहाली हैं और प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, वर्षा का नहीं होना भूमिगत जल स्तर का घटना मिट्टी का कटाव आदि समस्याओं का सामना करना नहीं पड़ेगा।
जिसमें ग्राम डुड़िया के वृक्ष प्रेमी यशवंत कुमार टंडन, दामिनी टंडन,दीपिका, देशलहरे निधि देशलहरे, सती देशलहरे सविता टंडन ने निकिता को जन्मदिन पर उपहार स्वरूप पौधा भेंट किया। और जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।