
बालोद-जिला के जच्चा बच्चा अस्पताल की दूसरी बार लापरवाही के चलते एक नवजात बच्चे की मौत हो गई। नवजात बच्चे की मौत के बाद शनिवार की सुबह परिजनों ने जमकर हंगामा कर दिया। डॉक्टर और नर्सों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर परिजन कार्रवाई की मांग लेकर अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए। हंगामे की जानकारी होने पर तहसीलदार रश्मि वर्मा और डीएसपी दिनेश सिन्हा अस्पताल पहुचकर गुस्साए परिजनों को शांत कराते हुए उन्हें निष्पक्ष जांच करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद परिजन शांत हुए और नवजात बच्चे के शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर गए। जानकारी के अनुसार बालोद शहर के कुन्दरूपरा निवासी 22 वर्षीय हेमलता तारम को 1 नवम्बर को प्रसव पीड़ा होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां ऑपरेशन से 3 नवम्बर को दोपहर 1 बजे प्रसव हुआ। तीन दिन तक बच्चा बिल्कुल स्वस्थ्य था। शुक्रवार रात 9 बजे अचानक बच्चे की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
बच्चे के श्वास नली में दूध फसने से हुई होगी मौत
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर एसएस देवदास ने बताया कि बच्चा जन्म के बाद एकदम स्वस्थ था। शुक्रवार की रात 9 बजे तक बच्चा स्वस्थ्य था, 9.23 मिनट पर बच्चे के परिजनों ने नर्स को बताया कि बच्चे कि तबियत बिगड़ गई,जिसके बाद नर्स ने उक्त बच्चे को जाकर देखा तो बच्चे का पल्स गिर गया था जिसे तत्काल दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। जहाँ पर नवजात बच्चे की मौ हो गई।उन्होंने बताया कि बच्चे को मा के दूध को चम्मच में निकालकर पिलाया है। अंदेशा है कि बच्चे के श्वास नली में दूध फंसने से उसकी मौत हुई होगी। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है।