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गोधन न्याय योजना के तहत वर्मी कम्पोस्ट का हो रहा उत्पादन व विक्रय


बालोद cg24 आजतक
शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गाॅव योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी अंतर्गत जिले में स्थापित गौठानों में ‘‘गोधन न्याय योजना‘‘ के तहत् गोबर की खरीदी की जा रही है। कलेक्टर जनमेजय महोबे के मार्गदर्शन में वर्मी कम्पोस्ट एवं वर्मी कल्चर निर्माण हेतु गौठान समिति एवं स्व सहायता समूहों को विकासखण्डों में कृष विज्ञान केन्द्र, कृषि विभाग, पशुधन विभाग एवं उद्यान विभाग केे अधिकारियों द्वारा प्रक्षिक्षण दिया गया। जिसमें गोबर, फसल व अन्य जैविक अवशेष एकत्रीकरण, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण वर्मी कल्चर उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग, भण्डारण एवं विक्रय की जानकारी दी गई। उप संचालक कृषि एन.एल. पाण्डे ने बताया कि जिले के 158 गौठानों में 2857 वर्मी बेड स्वीकृत हुआ है, जिसमें से 1805 वर्मी बेड का निर्माण हो चुका है। 1351 वर्मी टांके भरे गये है तथा 955 वर्मी टांका में केचुआ (वर्मा) डाला गया है, जिससे 287.10 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। जिसका प्रयोगशाला में गुणवत्ता परीक्षण का कार्य निरंतर किया जा रहा है, जिसके पश्चात समितियों के माध्यम से 250 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया गया है। उन्होंने बताया कि रबी के अनाज दलहन, तिलहन, सब्जियों में इसका उपयोग होने लगा है। जिससे रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में कमी आयेगी तथा जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का पैकेजिंग कार्य किया जा रहा है, गुणवत्ता परीक्षण हेतु नमूना प्रयोगशाला भेजा गया है। महिला समूहों एवं गौठान समितियों के द्वारा गौठानों में वर्मी कमपोस्ट के अलावा, फिनाइल, गोबर के दिये आदि अन्य गतिविधियां संचालित है। जिले में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। जिससे कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, वहीं जिले वासियों को उच्च गुणवत्ता के अनाज, दाल, तिलहन, फल, सब्जी, की उपलब्धता होगी तथा कृषकों की आमदनी बढ़ेगी।

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