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कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की सतत् निगरानी एवं परामर्श जरूरी है। चिकित्सा अधिकारी एवं नर्सिंग स्टाॅफ होम आइसोलेशन की पूरी अवधि के दौरान मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लें। एस.डी.एम. और तहसीलदार होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से रेण्डम बातचीत कर जानकारी लें। महोबे आज संयुक्त जिला कार्यालय के एन.आई.सी. कक्ष में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त एस.डी.एम., तहसीलदार, खण्ड चिकित्सा अधिकारी और अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। कलेक्टर ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की सूची जिले की वेबसाईट में प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री महोबे ने कहा कि होम आइसोलेशन हेतु उपयुक्त पाये जाने पर ही मरीज को होम आइसोलेशन में रहकर उपचार हेतु अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन अवधि के दौरान मरीज अपने घर से बाहर नहीं निकलेंगे तथा मरीज द्वारा होम आइसोलेशन के दिशा निर्देशो का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव व रोकथाम एवं होम आइसोलेशन प्रक्रिया हेतु जिला स्तरीय कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। कंट्रोल रूम में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कलेक्टर ने होम आइसोलेशन में रहकर उपचार करा रहे मरीजों तथा आइसोलेशन सेंटर में उपचार करा रहे मरीजों की संख्या की जानकारी विकासखण्डवार ली। उन्होंने जिला कोविड-19 अस्पताल तथा आइसोलेशन सेंटर्स में रिक्त बिस्तरों की भी जानकारी ली।
कलेक्टर ने जिले मेें नोवल कोरोना वायरस के नियंत्रण हेतु टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एंटीजन टेस्ट के शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल करें। उन्होंने एक्शन टीम तथा निगरानी दल के सदस्यों को जिम्मेदारीपूर्वक दायित्वों के निर्वहन के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के लक्षण वाले शतप्रतिशत व्यक्तियों का कोरोना टेस्ट कर संक्रमित लोगों की पहचान करें तथा कोरोना के संक्रमण से बचाव हेतु लोगों में जनजागरूकता लाएॅ। एन.आई.सी. कक्ष में डिप्टी कलेक्टर श्रीमती प्रेमलता चंदेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जे.पी.मेश्राम, सिविल सर्जन डाॅ.एस.एस.देवदास, खण्ड चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एस.के.सोनी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डाॅ.भूमिका वर्मा सहित डाॅ. संजीव ग्लेड और डाॅ.वीरेन्द्र गंजीर मौजूद थे।