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राज्यपाल सुश्री उइके ने इसी दिसंबर माह में पाटेश्वर धाम आने की दी स्वीकृति

पाटेश्वर धाम छेत्र के 20 ग्रामो के आदिवासी ग्रामीणों ने राज्यपाल सुश्री उइके को सौपा ज्ञापन और जामडी आने का दिया न्यौता।

वर्ष 1975 से स्थापित धार्मिक आस्था के प्रतीक स्वरूप मंदिर तथा आश्रम को यथावत रखने तथा संतो को पुलिस सुरक्षा देने की मांग भी किया ।

डौंडी लोहारा — डौंडी लोहारा विकास खंड अंतर्गत श्री जामडी पाटेश्वर धाम छेत्र के ग्राम केरीजुगेरा, लमती, केरी ,तुयेगोंदी, तुमड़ीकसा,करियाटोला,गोटीटोला,कोड़ेकसा,माटरी,उसरीटोला,अडमागोंदी,बरडीह,चिखली ,पीपरखार,बड़ाजुगेरा,भंडारीटोला,भवरमरा, झींका टोला तथा ग्राम लोहार टोला सहित लगभग 20 ग्रामो के आदिवासी समाज के लगभग 50 महिला एवम पुरुषों ने वर्ष 1975 से स्थापित पाटेश्वर धाम मंदिर तथा आश्रम को यथावत रखने की मांग करते हुए महामहिम राज्यपाल सुुश्री अनुसुइया उइके से राजभवन में भेंट कर ज्ञापन सौंपा है ।
राजभवन में संत राम बालक दास महात्यागी ,देवलाल ठाकुर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष , पाटेश्वर परिवार से जयेश ठाकुर ,मोरजध्वज साहू , सरपंच पवन कुमार सलामे, सरपंच डॉ. पुरूषोत्तम साहू तथा सरपंच बड़े जुगेरा श्रीमती नीलिमा टेकाम की उपस्थिति में आदिवासी समाज के छेत्रवासियों ने ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा। सौजन्य मुलाकात के दौरान पाटेश्वर धाम परिवार की ओर से सुश्री उइके को गौ माता की प्रतिमा भेंट किया गया ।


संत राम बालक दास महात्यागी की उपस्थिति में ग्रामीणों की बात को राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने गंभीरता से सुना तथा छेत्रवासियों को आस्वस्त किया कि किसी भी हालत में धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाएगा तथा लोगो के धार्मिक आस्था के केंद्र को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े ऐसा भी प्रयाश किया जाएगा।सुश्री उइके ने उपस्थित ग्रामीणों को बताया कि पूरे प्रदेश के लगभग सभी जिलों से श्री जामडी पाटेश्वर धाम के पक्ष में ज्ञापन उन्हें प्राप्त हुआ है । लोगो की भावना के अनुरूप उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को पाटेश्वर धाम में किसी तरह कार्यवाही नही करने का निर्देश दिया है।तथा पाटेश्वर धाम एवम संतो को पुलिस सुरक्षा देने के देव लाल ठाकुर तथा जयेश ठाकुर की मांग पर राज्यपाल सुश्री उइके ने तत्काल पुलिस अधीक्षक बालोद जितेंद्र सिंह मीणा को दूरभाष पर चर्चा कर पुलिस सुरक्षा देने आवश्यक कार्यवाही करने तथा इसी दिसंबर माह में अपने संभावित पटेश्वरधाम दौरे की जानकारी भी दी है।

बल्लाराम नायक,हेमलाल नायक,परमेश्वर नायक ,बन्नूराम चनापे,कृपाराम साहू,देवेंद्र कुमार बढ़ाई ,कल्याण सिंह नायक,बन्नूराम सेना पिज़्ज़ा, चेतराम पिज़्ज़ा ,परदेसी राम बड़ई,विश्राम सिंह ,घनश्याम सिंह बघेल ,
मंगतू राम ,जेटराम नायक ,मदन लाल निरमलकर ,सोहित राम रावटे
योगेश टेकाम , रामनारायण टेकाम ,श्रीमती नीलिमा टेकाम ,कैसी राम निषाद ,शिवप्रसाद मंडावी,श्रीमती यमुना मंडावी ,श्रीमती पुष्पा भुआर्य
श्रीमती बसंती टोपा ,अशोक कुमार यमले ,डियन लाल देवांगन,
राजकुमार रात्रे ,बन्नूराम चनापे ,राधेश्याम साहू,पुरुषोत्तम साहू
सेवकराम सॉरी , समय लाल जयते ,चैत राम तथा घनश्याम नायक सहित अनेको शामिल रहे ।
प्रतिनिधिमंडल ने सुश्री राज्यपाल को बताया कि श्री जामडी पाटेश्वर धाम में प्रतिदिन आने वाले भक्तों के सुविधा के लिए प्रदेश सरकार के वन विभाग द्वारा बाउंड्रीवाल निर्माण तथा अन्य शासकीय विभागों द्वारा भक्तों के विश्राम के लिए भवन निर्माण , पेयजल व्यवस्था एवं विद्युत व्यवस्था सहित अन्य सुविधायें उपलब्ध कराई गई है, साथ ही सम्पूर्ण देश भर के भक्तों द्वारा दिये गए दान की राशि से श्री बालयोगेश्वर रामबालकदास जी महात्यागी के मार्गदर्शन में लगभग 25 करोड रूपये की लागत से माँ कौशल्या जन्मभूमि का भव्य मंदिर निर्माणाधीन है जिसमें विगत 15 वर्षों में 8 करोड़ रूपये खर्च किया जा चुका है।
इसी तरह श्री पाटेश्वर सेवा संस्थान द्वारा वर्ष 2005 से मंदिर तथा आश्रम की भूमि का प्रत्यावर्तन कराने वन विभाग से लगातार पत्राचार किया गया है. जिसके परिपालन में संस्थान से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर वन परिक्षेत्र अधिकारी डीण्डी लोहारा ने पत्र कमांक 1060 ,दिनांक 8 जून 2007 द्वारा प्रस्ताव वन मंडलाधिकारी दुर्ग को प्रेषित किया तथा पाटेश्वर संस्थान से वन मंडलाधिकारी दुर्ग द्वारा मंदिर तथा आश्रम की भूमि का प्रत्यावर्तन प्रकरण संबंधित पंजीयन शुल्क 6 हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट जमा कराकर कार्यवाही की गई है। उक्त प्रस्ताव पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक छ. ग. द्वारा पत्र क्रमांक 949 दिनाँक 07/05/2008 जारी कर उक्त प्रस्ताव कोपंजीयनक्रमांकDUG/DUG/DUG/MIS/08/31 आबंटित किया गया है जो आज भी प्रक्रियाधीन है। वन विभाग में प्रत्यावर्तन प्रकरण प्रक्रियाधीन होने के बाद भी माह सितंबर 2020 से बालोद जिला वन विभाग के डी.एफ ओ द्वारा पाटेश्वर धाम में आने वाले भक्तों के सुविधा के लिए निर्मित भवनों को खाली करने का नोटिस बार-बार दिया जा रहा है। जबकि बालोद जिला एवं छत्तीसगढ़ प्रांत में हजारों पूजा स्थल हिन्दू धर्म एवं अन्य धर्मों के हैं जो फॉरेस्ट भूमि पर स्थित है उनको नोटिस नहीं दिया जा रहा है, केवल पाटेश्वर धाम को पडयंत्र पूर्वक टारगेट बनाकर नोटिस भेजा जाना पूरी तरह अनुचित है। जिसके कारण संत श्री रामबालकदास जी व भक्त गण मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। इसी तरह श्री जामड़ी पाटेश्वर धाम पर जिला वन अधिकारी द्वारा किये गये इस अपमानजनक कृत्य से संपूर्ण देश भर के भक्त गण य सत समाज आकोशित हो रहे है।

श्री पाटेश्वर सेवा संस्थान के मांग पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल रायपुर द्वारा पत्र कमांक 4726 दिनांक 10/01/2005 प्रेषित कर कलेक्टर दुर्ग को श्री जामड़ी पाटेश्वर आश्रम, जिला दुर्ग को छत्तीसगढ़ पर्यटन की सूची में शामिल करने हेतु पत्राचार किया था।

इस विषय में वन मंत्री मा मो. अकबर /महिला बाल विकास मंत्री श्रीमति अनिला भेडिया ,संसदीय सचिव कुवरसिंह निषाद ,गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदरदास को भी ज्ञापन एवं ग्राम सभा का प्रस्ताव संत राम बालक दास के द्वारा सौपा जा चुका है।
साथ ही विगत दिनों देश के विभिन्न राज्यों में संतो के खिलाफ हुए अप्रिय घटनाओं को ध्यान में रखते हुए महामहिम राज्यपाल से निवेदन है कि ऐसी अप्रिय घटना जिला बालोद में स्थित पाटेश्वर धाम में न घटे इसलिए पाटेश्वर धाम के साथ साथ महंत राम जानकीदास महात्यागी तथा संत राम बालकदास को सुरक्षा प्रदान किया जाये एवं वन विभाग के डी.एफ.ओ.सतोविसा समाजदार पर आवश्यक कार्यवाही किया जाये ताकि बालोद जिला सहित पूरे छग प्रदेश में सामाजिक सद्भावना बनी रहे ।

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