बालोद जिला में सतोवीसा समाजदार वनमण्डलाधिकारी को काफी तेज व सक्रिय वन अधिकारी के रूप में पहचान मिल रहा था लेकिन पाटेश्वर धाम के मामले में आगे आना लगता है। उनके स्थानांतरण कु वजह बन गया
” संत रामबालक दास ने इस मामले पर नोटिस मिलने व वन अधिकारी के आक्रामक कार्यशैली को देखकर स्वयं आगे आकर इस मामले की कमान सम्हाली व सरकार व प्रशासन के सामने अपना पक्ष रखा है।”

बालोद/डौण्डी लोहारा cg24 आजतक न्यूज़ :- डौण्डी लोहारा विकासखण्ड के वन्य ग्राम बड़ेजुंगेरा में स्थित जामड़ी पाटेश्वर धाम जहां देश प्रदेश के लाखों लोगो की आस्था बनी हुई है। उस स्थान पर बने कुछ शासकीय भवनों को खाली करने व वन्य कानूनों के तहत निर्माणाधीन भवनों व मंदिरों को हटाने के लिए बालोद जिला वनमण्डलाधिकारी सतोवीसा समाजदार ने मंदिर प्रबंधन को नोटिश जारी कर कार्यवाही करने की बात कही थी जिस मामले ने प्रदेश स्तर तक माहौल को गर्म कर दिया था व वन अधिकारी के इस कार्यवाही को लेकर हिन्दू समाज के संगठनों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी व इस पर रोक लगाने की मांग की व कार्यवाही को एक धर्म विशेष के प्रति विद्वेष फैलाने वाला बताया

संत रामबालकदास ने इस मामले को पूरी ताकत के साथ प्रदेश के आला नेताओ के सामने उठाया व वन अधिकारी के द्वारा नोटिस व कार्यवाही करने को लेकर परेशान करने की बात भी कही थी संत ने इस विषय को प्रदेश की महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके से भी मिलकर उनके सामने रखा था

डौण्डी लोहारा के वन्य ग्रामो के लगभग 20 ग्राम के ग्रामीण व पंचायत प्रतिनिधियों ने भी जामड़ी पाटेश्वर धाम के समर्थन में आवाज बुलंद किया था व वन विभाग की कार्यवाही का विरोध किया था
