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सरकारें सिर्फ इस कोठी का धान उस कोठी में डालकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रही :- शंकर चेनानी शिवसेना

cg24 आजतक न्यूज.

नगरनार स्टील प्लांट में हक दिलाने शिवसेना का 3 दिवसीय चारामा बस्तर द्वार से जगदलपुर तक रैली – आमसभा – हल्ला बोल

शिवसेना के प्रदेश सह सचिव शंकर चैनानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ शिवसेना ने केंद्र सरकार द्वारा इस कुत्सित प्रयास को विफल करने के लिए निजीकरण के विरोध में बस्तरवासियों एवं अपने छत्तीसगढिय़ों नौजवानों में 60 प्रतिशत बस्तरवासियों के लिए 20 प्रतिशत छत्तीसगढिय़ों के वास्ते और 20प्रतिशत टेकनिशयन अन्य के अनुपात में भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु 14 दिसंबर को चारामा बस्तर मचांदूर द्वार से कांकेर केशकाल होते हुए फरसगांव कोंडागांव से 16 दिसंबर को जगदलपुर एक आमसभा में परिवर्तित होकर विरोध दर्ज करा रही हैं ।
बस्तर की भौगोलिक और सामाजिक स्थितियों में नगरनार में स्टील प्लांट की आधारशिला सन 2001 में रखी गई। स्पष्ट है कि जब किसी भी जगह प्लांट बनता है तो वहाँ की जमीन ली जाती है लेकिन उसमें स्थानीय लोगों के हितों का ध्यान रखा जाना है , फिर अचानक नीजिकरण विनेशीकरण की बात आ गयी । पिछले पांच दशकों से बस्तर में उत्खनन का कार्य कर रही है, यह बस्तर का इकलौता उधोग है। एक उम्मीद थी अगर नगरनार का स्टील प्लांट बनेगा तो बस्तर का विकास होगा और स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा होगी। 2001 से यह प्लांट प्रक्रियाधीन था और आज पूर्णत: की ओर है।
इसी बीच केन्द्र सरकार द्वारा एक षडय़ंत्र के तहत नीति आयोग का गठन कर दिया गया जिसने नगरनार संयत्र को विनेशीकरण की सूची में डाल दिया और तर्क देते हुए कहा कि कम्पनी है जो स्टील प्लांट को हैंडल नहीं कर सकती इसलिए इसका निजीकरण आवश्यक है और घोषणा के साथ विनवेशीकरण के लिए टेंडर जारी कर दिए गए और इस प्रकार बस्तरवासियों के साथ छलावा किया गया चूंकि यहां पर पांचवी अनुसूची है अनुसूचित जनजाति का इलाका है आदिवासियों की जमीन पर प्रतिबंध है लेकिन छल कर पहले जमीन ली गई और पुनर्वास योजना जैसे पहले खेल खेला गया उसी स्थिति में आज बस्तरवासी – छत्तीसगढिय़ा – नौजवानों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया ?
चैनानी ने कहा कि शिवसेना के आंकड़ों के अनुसार देश में बेरोजगारी कितनी भयंकर है –दो हाथ से काम करने वालों की संख्या 64 करोड़ से ज्यादा है लेकिन इसमें से सम्मानजनक काम मात्र 5 करोड़ से कम लोगों को ही मिल पाया है जिसमें बैंकों में बीमा कंपनियों में सेना में वायुसेना नौसेना में थलसेना जलसेना – केन्द्र एवं राज्य सरकारों के पब्लिक सेक्टर में ही अभी तक स्थायी व्यवस्था हो पाई है।
बाकी के लोगों की कोई व्यवस्था नहीं है किसी को साल में 2 महीने और किसी को 3 महीने ही काम मिलता है, सरकार कोई सम्मानजनक काम नहीं दे पाई है।
किसानों का हाल इतना बुरा है मात्र 40 प्रतिशत खेतों को ही पानी मिल पाता है 60 प्रतिशत खेती आज भी भगवान या प्रकृत्ति भरोसे ही है इसलिये लोग अपना पेट भरने के लिए बड़े-शहरो में पलायन करते हैऔर शहरो में झुग्गीवासियों की आबादी 65प्रतिशत बढ़कर हो गई है , आज तक सरकारें सिर्फ इस कोठी का धान उस कोठी में डालकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रही है
शिवसेना के प्रदेश सह सचिव शंकर चैनानी ग्रामीण जिला प्रमुख राजू हिरवानी जिला सचिव हर्षवीर कसार जिला उपप्रमुख संजू वैष्णव जिला उपप्रमुख रोहित साहू जिला उपप्रमुख रोहित निषाद मीडिया प्रभारी दीपेन सेन ब्लाक प्रमुख बहादुर सोनी बलराम निषाद महामाया ग्राम प्रमुख कुलेश्वर जोशी दीनदयाल ऊटी ओम गिरी गोकुल रोहित नवीन ठाकुर प्रकाश मालीकर रंजीत सिंह अज्जू साहू नारायण झा कबीर प्रकाश वर्मा, शोभाशंकर त्रिपाठी, कौशलेन्द्र सिंह, भानुप्रताप वर्मा, चंद्रेश बघेल, ज्ञानचंद लोढ़ा सहित सभी शिवसेना पदाधिकारीयों ने कहा कि आइये ऐसी व्यवस्था को बदलने के लिए शिवसेना का साथ दीजिए – हमारी पार्टी अनुरूप सदस्य बनिये और नगरनार स्टील प्लांट में ठेकेदारी प्रथा का पूरजोर विरोध कर बस्तरवासियों को हक मिलें-अपना मार्गदर्शन देकर शिवसेना के संघर्ष में शामिल होकर एक सच्चे बस्तरवासी – छत्तीसगढिय़ां होने का अपना दुबारा गर्व हासिल करें।

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