दल्ली राजहरा cg24 आजतक न्यूज़ :-
भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद और खदान के सचिव लखन लाल चौधरी ने आज आई ओ सी एल के असिस्टेंट मार्केटिंग मैनेजर जी एच वी नरसिम्हा राव से भेंट कर आई ओ सी एल में कार्यरत ठेका श्रमिकों को ठेकेदार द्वारा 26 दिन के बदले 17 या 18 दिन की हाजिरी दिये जाने के संबंध में एक शिकायत पत्र दिया और तत्काल ईसका निराकरण करने का निवेदन किया है। जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने कहा कि आई ओ सी एल में कार्यरत ठेका श्रमिकों से संघ को लिखित
शिकायत मिली है कि दल्ली राजहरा स्थित आइओसीएल प्लांट में कार्यरत ठेका श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है जो कि संघ की दृष्टिकोण से सर्वथा अनुचित व गैरकानूनी है।
आपके यहां कार्यरत ठेका श्रमिकों ने एक शिकायत पत्र के माध्यम से यह आरोप लगाया है कि ठेकेदार कंपनी मैसर्स संदीप सिंह ,विकास नगर, कुसमुंडा जिला -कोरबा के द्वारा ठेका श्रमिकों को पूरे माह का हाजिरी और वेतन नहीं दिया जाता है।श्रमिकों को 17 या 18 दिनों की हाजिरी दी जाती है ।जबकि सभी श्रमिक पूरे माह कार्य पर आते हैं। और उसके बाद भी आपके विभाग द्वारा ठेकेदार का बिल पास करना कई प्रश्नों को जन्म देता है।
क्योंकि आपकी कंपनी में कार्यरत श्रमिकों को सरकार द्वारा तय वेतनमान दिलाए जाने की जिम्मेदारी आपकी बनती है अतः आपसे अनुरोध है कि इस विषय की गंभीरता को देखते हुए ठेकेदार को बुलाने का कष्ट करें ताकि समस्या का समुचित समाधान किया जा सके, जबकि इस विषय पर संघ का प्रतिनिधिमंडल आप से दो बार मिलकर मौखिक चर्चा कर चुका है मगर अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही होती नहीं दिख रही है।इसलिए इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए श्रमिकों के हित को ध्यान में रखते हुए शीघ्र निर्णय लेने का कष्ट करें। जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने आगे बताया कि पुर्व में आई ओ सी एल में कार्यरत सुरक्षा गार्ड के वेतनमान को लेकर भी विवाद की स्थिति थी सी डी ओ कंपनी द्वारा भी सुरक्षा गार्ड को पुरा वेतन नहीं दिया जा रहा था,तब भारतीय मजदूर संघ ने इसका विरोध किया था और आज सी डी ओ के ठेकेदार द्वारा सुरक्षा गार्ड को पुरा वेतन दिया जा रहा है। यहां एक बात और महत्वपूर्ण है कि आई ओ सी एल में कार्यरत सभी ठेका श्रमिकों का खदान में A फार्म रिजिस्टैशेन है उसके बाद भी उन्हें कम हाज़िरी और कम वेतन देने पुरी तरह गैरकानूनी है, उसी तरह आईओसी एल में कार्यरत बुलोरो ड्राइवर को भी ठेकेदार द्वारा न्यूनतम वेतनमान नहीं दिया जा रहा है ड्राइवर का भी शोषण किया जा रहा है,ऐसा लगता है कि आईओसीएल में कार्यरत सभी श्रमिकों को खुलेआम शोषण हो रहा है और स्थानीय प्रबंधन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। अगर शीघ्र ही श्रमिकों की समस्याओं का समाधान स्थानीय प्रबंधन आईओसीएल और ठेकेदार द्वारा नहीं किया जाता है तो संघ कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी स्थानीय प्रबंधन और ठेकेदार की होगी।