
देवरीबंगला cg24 आजतक न्यूज़:- गुरु जब भी बनाओ सोच समझकर बनाना चाहिए। गुरु ही भवसागर से पार उतारने का मार्ग बताते हैं। गुरु का कभी अपमान, निरादर तथा तिरस्कार नहीं करना चाहिए। गुरु पूजनीय है। उन्हें सदैव सम्मान दे। उक्त उद्गगार ग्राम मारीबंगला में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन लोधी खपरी के भागवताचार्य पंडित राजेश तिवारी ने व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि देवताओं ने भी अपने गुरु बृहस्पति का अपमान किया था। जिससे देवताओं को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा। मनुष्य को पाप और पुण्य का परिणाम अवश्य जान लेना चाहिए। पूणय करने से स्वर्ग तथा पाप करने से नरक प्राप्त होता है। माता पिता ने जन्म दिया और गुरु ने दिया ज्ञान। तभी यह जीवन सफल होता है। पंडित तिवारी ने अजामिल पहलाद चरित्र की कथा सुनाई। सोमवार को वामन अवतार एवं श्री रामकृष्ण जन्म के प्रसंग पर कथा होगी। श्रीमद् भागवत कथा के प्रमुख यजमान आसाराम व डारन बाई साहू है। यज्ञकरता मंसाराम, मुक्ताराम, मेनका व प्रमिला साहू है।