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कांग्रेस को अंतिम समय मे बने मैनेजमेंट,भाजपा को राजपरिवार तो निर्दलीय को अपने दम व व्यवहार पर जीत का भरोसा

मतदान में पंजे ने रिक्शा को रोकने पूरी ताकत से काम किया है। जिससे कमल सेफ जोन में दिखाई तो दे रहा है। लेकिन कभी कभी जो दिखता है वो ही सत्य नही होता इसलिए परिणाम आने तक असमंजस बना हुआ है। अब देखना होगा कि ऊँट किस करवट बैठता है।

डौंडीलोहारा :- नगर पंचायत डौंडीलोहारा के चुनाव में मतदान के बाद अब 15 तारीख को मतगणना के पूर्व तक परिणाम को लेकर नगर के हर चौक चौराहों पर हार जीत को लेकर चर्चा आम हो गया है। कांग्रेस,भाजपा,व निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थक व आमजन अभी इसी विषय पर अपना तर्क,वितर्क व गणित बता रहे है। नगर के चुनाव में डौंडीलोहारा में इनदिनों कई राजनीतिक भविष्य बताने वालों की संख्या बढ़ गया है। कुछ लोग तो आँकडे भी बता रहे है। व प्रत्याशियों के हार जीत के दावे करते दिख रहे है। 

 चुनाव बाद ऐसे घटनाक्रम आमबात है। लेकिन अब हम नगर के चुनाव का विश्लेषण मतदान के बाद का करे तो अधिकांश लोग भाजपा के लाल निवेन्द्र सिंह टेकाम के बढ़त बनाने के साथ जीत के दावे कर रहे है। परिवारिक समर्थक व कुछ वार्डो में राजपरिवार के प्रभाव के चलते भावनात्मक राजनीतिक ध्रवीकरण की प्रबल संभावनाएं दिख रहा है। वही 5 अध्यक्ष प्रत्याशियों के बीच दूसरे बड़े राजनीतिक दल कांग्रेस के अनिल लोढा को शुरू में लोगो ने प्रभावशाली न मानकर उपस्थिति देने वाले उम्मीदवार के रूप में कम आंकलन किया था लेकिन मतदान आते आते अनिल लोढा का मैनेजमेंट व चुनावी रणनीति व मेहनत ने चुनावी मुकाबले को गर्मा दीया है।व बड़ा उलटफेर की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। नगर में मिस्टर भरोसेमंद के नाम से मशहूर प्रेमचंद भंसाली जो कि इस चुनाव में भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़े है। वो चुनाव के बड़े चेहरे व मजबूत प्रत्याशी माने जाते रहे है। उनका स्वंय का व्यवहार,लोगो की मदद व जनसेवा का काम इस चुनाव में बड़ा राजनीतिक ताकत माना जाता है। लेकिन ये मतदान में कितना असर करेगा यह देखना होगा बहरहाल दोनों प्रमुख पार्टियों को टक्कर देते हुए इस चुनाव को त्रिकोणीय बना तो जरूर दिया है। वही अन्य दो निर्दलीय भी इस चुनाव को रोमांचक बनाने में चर्चाओं में बने रहने में सफल हुए है। 

नगर पंचायत के इस चुनाव में तीन प्रत्याशी जीत की बड़ी दौड़ में बने हुए है। व मतदान पूर्व तक शेयर बाजार की तरह कभी ऊपर व कभी नीचे के क्रम में दिखाई देते रहे है। जो भी हो नगर का यह चुनाव धन,भावना,व परिवारवाद के केंद्र में बना रहा है। अंतिम परिणाम 15 फरवरी को आएगा लेकिन डौंडीलोहारा का राजनीतिक पारा पूरी तरह से गर्म है। 

कांग्रेस नगर पंचायत के 15 वार्डो में अधिकांश सीट जितने का दावा कर रहे है। वही भाजपा के लोग वार्डो की चर्चा मजबूती से न कर अध्यक्ष सीट जितने की बात कहते नजर आते है। वही प्रेम भंसाली भी इस चुनाव में बड़ा फैक्टर बन सकते है। बहरहाल “पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त”

नगर पंचायत के इस चुनाव में एक दो घटनाओं को छोड़कर देखे तो बहुत ही शांति के साथ सम्पन्न हो गया है। अब बस जनता को अंतिम परिणाम का इतंजार है।

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